वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् । दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ जय गिरिजा पति दीन दया�
वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् । दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ जय गिरिजा पति दीन दया�